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राजकीय विद्यालयों में नैतिक शिक्षा के रूप में छात्रों को पंजाबी भाषा में धार्मिक ग्रंथों के पवित्र श्लोक भी पढ़ाए जाने चाहिए: इंद्रजीत सिंह भट्टी


आज के आधुनिक युग में बेशक विज्ञान ने अपार प्रगति की है और हम विकास के असीमित लक्ष्यों को छूने में सफल भी हुए हैं, लेकिन कहीं न कहीं प्रगति की इस आड़ में हम अपनी अनमोल विरासत और संस्कृति से दिन-ब-दिन दूर होते जा रहे हैं। दिन-ब-दिन नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है, जिसका सबसे बड़ा शिकार हमारी युवा पीढ़ी और छात्र बन रहे हैं। आजकल पश्चिमी संस्कृति की चकाचौंध के प्रभाव में आकर हमारे विद्यार्थी अपनी संस्कृति, विरासत और संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं, जिसके कारण उनमें सहनशीलता कम होती जा रही है और वे निराश एवं दिशाहीन होकर गलत रास्ता चुन लेते हैं और कभी-कभी तो वे अपने शिक्षकों, माता-पिता और बड़ों का अनादर करने से भी नहीं चूकते। ऐसे समय में हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग ने नैतिक शिक्षा देने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में पवित्र धार्मिक ग्रंथ 'श्रीमद्भागवत गीता' के अध्ययन को लेकर सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विद्वानों से राय मांगी है। इस संदर्भ में पंजाबी भाषा एवं अध्यापक विकास संगठन हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष श्री इंद्रजीत सिंह भट्टी ने सरकार और विभाग के इस फैसले का स्वागत करते हुए और अपना सुझाव देते हुए मांग की है कि स्कूलों में सभी कक्षाओं में सप्ताह में नैतिक शिक्षा के कम से कम 3 पीरियड तय किए जाने चाहिए, जिसमें धार्मिक ग्रंथ 'श्रीमद्भागवत' भी शामिल होना चाहिए। विद्यार्थियों को गीता में से कर्म के सिद्धांत के साथ-साथ भगवान बाल्मीकि जी की रामायण से मर्यादा पुरूषोत्तम श्री राम चंद्र जी की जीवनी के बारे में, पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में दर्ज गुरु साहिबान, भगत कवियों की विश्वव्यापी पावन एवं सच्ची वाणी जो कि मानवता की एकता एवं प्रगति की प्रतीक हैं, छात्रों को पढ़ाई जानी चाहिए और अन्य धार्मिक पुस्तकों में से भी नैतिक शिक्षा पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए और छात्रों तक पहुंचाया जाना चाहिए ताकि छात्र अपनी संस्कृति के साथ जुड़ सकें और उनमें नैतिक गुणों का विकास हो सके। संगठन के प्रदेश महासचिव सुनील गोयल ने सरकार से मांग की कि विद्यार्थियों के लिए अन्य भाषाओं के साथ-साथ पंजाबी भाषा में भी नैतिक शिक्षा प्रदान की जाए हरियाणा प्रदेश में पंजाबी पढ़ने वाले छात्रों की एक बड़ी संख्या है और पंजाबी भाषा विद्यार्थियों की नैतिक शिक्षा हासिल करने में काफी मददगार साबित होगी। हरियाणा राज्य के सभी पंजाबी शिक्षक छात्रों को पंजाबी भाषा में नैतिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि हरियाणा सरकार और विभाग हमारे सुझावों पर विचार करेंगे और इसे लागू करेंगे। पंजाबी भाषा एवं अध्यापक विकास संगठन हरियाणा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार एवं विभाग के साथ सहयोग करने को हमेशा तैयार हैं।

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